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श्रम शक्ति नीति, 2025- भारत की राष्ट्रीय श्रम और रोजगार नीति

 

श्रम शक्ति नीति, 2025- भारत की राष्ट्रीय श्रम और रोजगार नीति

 

भारत सरकार ने श्रम शक्ति नीति, 2025 का प्रारूप प्रकाशित किया है जिसका उद्येश्य श्रमिकों के लिए अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के Descent Work Agenda को पाने के साथ-साथ विकसित भारत के संकल्प को पूर्ण करना है। आइये जानते है इसके प्रमुख बातों को-

 

1. प्रस्तावना (Introduction)

  • Ø श्रम शक्ति नीति 2025” भारत के श्रम और रोजगार क्षेत्र के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है।
  • Ø इसका उद्देश्य एक न्यायपूर्ण और समावेशी श्रम व्यवस्था बनाना है जो हर श्रमिक की गरिमा और अधिकार को सुनिश्चित करने के साथ-साथ उत्पादकता को बढ़ावा दे।
  • Ø यह नीति “श्रम धर्म” अर्थात कार्य के नैतिक मूल्य पर आधारित है।
  • Ø डिजिटलीकरण और गिग/प्लेटफ़ॉर्म कार्य को ध्यान में रखते हुए यह नीति बनाई गई है।
  • Ø नीति के अनुसार श्रम मंत्रालय अब “Employment Facilitator” की भूमिका निभाएगा।
  • Ø राष्ट्रीय करियर सेवा (NCS) को रोजगार के लिए डिजिटल सार्वजनिक ढांचे (Digital Public Infrastructure- DPI) के रूप में विकसित करने का संकल्प इस नीति में रखा गया है।

2. दृष्टि और मिशन (Vision and Mission)

दृष्टि:- एक ऐसा कार्य वातावरण बनाना, जहाँ हर श्रमिक को सम्मान, सुरक्षा और आगे बढ़ने का अवसर मिले, और भारत का आर्थिक विकास “जन-केंद्रित” तथा “पर्यावरण के प्रति संवेदनशील” रहे।

मिशन (7 रणनीतिक उद्देश्य):

  • Ø सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा (Universal Social Security)
  • Ø व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य (Occupational Safety & Health)
  • Ø रोजगार और भविष्य की तैयारी (Employment & Future Readiness)
  • Ø महिला और युवा सशक्तिकरण (Women & Youth Empowerment)
  • Ø अनुपालन में सरलता और औपचारिकता (Ease of Compliance & Formalisation)
  • Ø तकनीक और हरित परिवर्तन (Technology & Green Transition)
  • Ø अभिसरण और सुशासन (Convergence & Good Governance)

 

3. मार्गदर्शक सिद्धांत (Guiding Principles)

  • Ø श्रम की गरिमा और समानता – श्रम को राष्ट्रीय समृद्धि का आधार मानना।
  • Ø सार्वभौमिक समावेशन – कोई भी श्रमिक (औपचारिक, अनौपचारिक, प्रवासी, गिग) वंचित न रहे।
  • Ø सहकारी संघवाद – केंद्र, राज्य और स्थानीय निकायों में समन्वय।
  • Ø डेटा-आधारित शासन – पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए डिजिटल तकनीक का उपयोग।

 

4. संस्थागत और डिजिटल ढांचा (Institutional and Digital Architecture)

  • Ø तीन-स्तरीय संरचना:

·       राष्ट्रीय स्तर: National Labour and Employment Policy Implementation Council (NLPI)

·       राज्य स्तर: State Labour Missions

·       जिला स्तर: District Labour Resource Centres (DLRCs)

  • Ø DLRCs होंगे “Single-window hubs”पंजीकरण, रोजगार, कौशल विकास, स्टार्टअप सुविधा, शिकायत निवारण के लिए।
  • Ø Labour & Employment Stack: एकीकृत डिजिटल प्रणाली जो श्रमिक के निबंधन, उनके कौशल, उनके व्यवसाय और उनको प्राप्त सामाजिक सुरक्षा का डेटा संधारित करेगी।
  • Ø NCS-DPI: खुला, बहुभाषी, सुरक्षित प्लेटफॉर्म जो श्रमिकों, नियोक्ताओं, प्रशिक्षण संस्थानों और स्टार्टअप्स को जोड़ेगा।

 

5. प्रमुख रणनीतिक हस्तक्षेप (Key Strategic Interventions)

  • Ø सार्वभौमिक और पोर्टेबल सामाजिक सुरक्षा:- EPFO, ESIC, PM-JAY, e-SHRAM आदि को जोड़कर एक Universal Social Security Account
  • Ø व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य:- OSH Code 2020 का कार्यान्वयन।
  • Ø कौशल और रोजगार संबंध:- Skill India, NAPS, PMKVY को एकीकृत कर Education-to-Employment प्रणाली बनाना।
  • Ø महिला और युवा सशक्तिकरण:- महिलाओं की भागीदारी 2030 तक 35% करना।
  • Ø अनुपालन में सरलता:- सिंगल-विंडो डिजिटल अनुपालन, स्वप्रमाणन और MSME के लिए सरल रिटर्न।
  • Ø तकनीक और Green Jobs:- Green Jobs, AI आधारित सुरक्षा प्रणाली, और Just Transition योजना।
  • Ø सुशासन और Convergance:- एकीकृत राष्ट्रीय श्रम डेटा ढांचा और पारदर्शी मॉनिटरिंग।

6. कार्यान्वयन एवं निगरानी (Implementation and Monitoring)

Ø तीन चरणों में कार्यान्वयन:

·       चरण I (2025–27): संस्थागत ढांचा, सामाजिक सुरक्षा एकीकरण, NCS-DPI पायलट।

·       चरण II (2027–30): देशव्यापी विस्तार, Universal Account, Skill-credit system, DLRCs

·       चरण III (2030 के बाद): कागजरहित शासन, Predictive Analytics, नीति अद्यतन।

Ø निगरानी तंत्र:

·       रियल-टाइम डैशबोर्ड

·       Labour & Employment Policy Evaluation Index (LPEI)

·       वार्षिक राष्ट्रीय श्रम रिपोर्ट

·       तृतीय पक्ष समीक्षा (Third-party audit)

7. अपेक्षित परिणाम (Expected Outcomes by 2047)

  • Ø सभी श्रमिकों का पंजीकरण और पोर्टेबल सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना।
  • Ø कार्यस्थलों पर लगभग शून्य संघातिक दुर्घटनाएँ होना।
  • Ø महिलाओं की भागीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि करना।
  • Ø अनौपचारिक श्रम बल में कमी लाना।
  • Ø AI-आधारित श्रम शासन प्रणाली को सृजित करना।
  • Ø लाखों Green Jobs और सम्मानजनक नौकरियों का सृजन करना
  • Ø “One Nation Integrated Workforce” की स्थापना।

8. वैश्विक और राष्ट्रीय सामंजस्य (Global & National Alignment)

  • Ø यह नीति ILO Decent Work Agenda, UN SDGs (8, 9, 10) और Organisation for Economic Co-operation and Development AI Principles के सुसंगत है।
  • Ø यह “Digital India”, “Skill India”, “Make in India”, “Startup India” और “Atmanirbhar Bharat” मिशनों के अनुरूप है।
  • Ø इसका उद्देश्य “Viksit Bharat @2047” के लक्ष्य को सशक्त बनाना है।

निष्कर्षतः “श्रम शक्ति नीति 2025” भारत की श्रम नीति को “नियमन से सुविधा” (Regulation to Facilitation) की दिशा में अग्रसर करती है। इसके तहत श्रम एवं रोजगार मंत्रालय को को एक राष्ट्रीय रोजगार सुविधा केंद्र (National Employment Facilitator) के रूप में पुनर्स्थापित किया गया है। यह नीति एक पारदर्शी, मानवीय और डिजिटल श्रम पारिस्थितिकी का निर्माण करेगी जहाँ हर श्रमिक को सम्मान, सुरक्षा और अवसर मिलेगा।

डॉ० गणेश कुमार झा,

सहायक श्रमायुक्त, पटना

श्रम नीति का प्रारूप पढने के लिए यहाँ क्लिक करें 


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