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सरकारी विभागों के मजदूरों के लिए श्रम कानून (Labour Law for Outsourcing Workers)

 

कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948

 कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948

यह अधिनियम बीमारी, मातृत्व, कार्य के दौरान दुर्घटना और कुछ अन्य विषयों पर कामगारों को लाभ देने का प्रयास करता है। इस अधिनियम का उद्येश्य है- बीमाकृत कर्मचारी को नियोजन के कारण दुर्घटना मृत्यु होने पर उसके आश्रितों को आर्थिक सहायता देना, नियोजन के कारण दुर्घटनाग्रस्त होकर अपंग होने पर उसको अपंगता के अनुसार आर्थिक सहायता देना, उप-जीविका जन्य रोगों में कामगार को आर्थिक सहायता देना, महिला कर्मचारी को प्रसूति हितलाभ उपलब्ध करवाना, चिकित्सीय सहायता उपलब्ध करवाना, आदि। इस अधिनियम के मुख्य प्रावधान निम्न है-



👉 इस योजना का विस्तार 10 या अधिक कामगार होने की स्थिति में गैर-मौसमी कारखानों, दुकानों, होटलों, रेस्तरां, सिनेमाघरों, थिएटर, शैक्षणिक-संस्थानों, सड़क-मोटर परिवहन उपक्रम, समाचार पत्र प्रतिष्ठान, बीमा व्यवसाय में लगे प्रतिष्ठान, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ, पोर्ट ट्रस्ट, हवाई अड्डा प्राधिकरण और वेयरहाउसिंग प्रतिष्ठान में किया गया है। 01.01.2017 से इस अधिनियम के तहत आच्छादन के लिए मजदूरी की सीमा अधिकतम 21000/- रुपए प्रतिमाह है।

👉 कर्मचारी राज्य बीमा निगम को नियोजक तथा कर्मचारी दोनों के द्वारा अंशदान देना आवश्यक है। 01.07.2019 से हर वेतन अवधि में कर्मचारी का अंशदान दर उसके मजदूरी का 0.75 प्रतिशत और नियोक्ता का अंशदान कर्मचारियों के मजदूरी का 3.25 प्रतिशत निर्धारित किया गया है। वर्तमान में रु 176/- तक के दैनिक औसत वेतन प्राप्त करने वाले कर्मचारियों को योगदान के भुगतान से छूट दी गई है। नियोजक और कर्मचारी दोनों के अंशदान भुगतान के लिए नियोजक ही उत्तरदायी होता है।

👉 इस अधिनियम के अंतर्गत योजनाओं का लाभ देने के लिए कर्मचारी राज्य बीमा निगम की स्थापना की गयी है। निगम द्वारा कामगारों को निम्न लाभ दिया जाता है-

⇒ बीमारी हितलाभ- बीमार होने के कारण अवकाश में रहने पर लगातार 91 दिनों तक आर्थिक सहायता जो मानक हितलाभ दर का 70 प्रतिशत होता है।

⇒ वर्धित हितलाभ- महिला कामगार को नलबंदी करने पर 14 दिन तथा पुरुष कामगार को नसबंदी करने पर 7 दिन के लिए पूर्ण वेतन के दर से अवकाश मिलता है।

⇒ विस्तारित बीमारी हितलाभ- कुछ विशेष बिमारियों में अधिकतम दो वर्षों तक मानक हितलाभ दर के 80 प्रतिशत दर से अवकाश दिया जाता है।

⇒ अस्थायी अपंगता हितलाभ - अपंगता रहने तक मानक हितलाभ दर के 90 प्रतिशत दर से कामगार को भुगतान किया जाता है।

⇒ स्थायी अपंगता हितलाभ- आजीवन मानक हितलाभ दर के 90 प्रतिशत दर से कामगार को भुगतान किया जाता है।

⇒ आश्रितजन हितलाभ- कामगार की विधवा को आजीवन तथा बच्चों के लिए 25 वर्ष तक मानक हितलाभ दर के 90 प्रतिशत दर से भुगतान किया जाता है। आश्रितों के मध्य राशि अनुपातिक रूप से वितरित की जाती है।

⇒ अंत्येष्टि व्यय- अंतिम संस्कार के समय अधिकतम 15000/- रुपए तक भुगतान किया जाता है।

⇒ मातृत्व हितलाभ- केवल दो प्रसव तक 26 सप्ताह का पूर्ण वेतन के दर से भुगतान किया जाता है।

⇒ चिकित्सा हितलाभ- बीमा योग्य रोजगार में बने रहने तक  सम्पूर्ण चिकित्सीय देख रेख किया जाता है।


अधिक जानकारी के लिए कर्मचारी राज्य बीमा निगम के वेबसाइट https://www.esic.gov.in/ पर विजिट करें।

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