जैसा की हम जानते है, देश में कुल कार्यबल का 90% से अधिक असंगठित क्षेत्र के कामगार है। इन असंगठित कामगारों को सुरक्षित करने के लिए असंगठित कामगार सामाजिक सुरक्षा अधिनियम, 2008 केंद्र सरकार द्वारा लाया गया। इस अधिनियम के तहत असंगठित कामगार को परिभाषित करते हुए कहा गया है कि असंगठित कामगार का अर्थ है, अपने स्वयं के घर में कार्य करने वाला, स्व-नियोजित व्यक्ति या असंगठित क्षेत्र में मजदूरी करने वाला दैनिक कामगार और इसमें संगठित क्षेत्र का वह श्रमिक भी शामिल है, जो इस अधिनियम के अनुसूची II में वर्णित किसी भी अधिनियम द्वारा आच्छादित नहीं किया गया है। (अनुसूची-II में शामिल अधिनियम है- कर्मकार क्षतिपूर्ति अधिनियम, 1939, औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1948, कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948, कर्मचारी भविष्य निधि तथा प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम, 1952, मातृत्व हितलाभ अधिनियम, 1961 तथा उपादान भुगतान अधिनियम, 1972) । अधिनियम के तहत 14 वर्ष पूरा करने वाले श्रमिकों के स्वघोषणा के आधार पर निबधित करना है तथा उन्हें निबंधन कार्ड देना है। सरकार चाहे तो अंशदान आधारित योजनाओं का संचालन कर सकती है। असंगठित कामगार सामाजि...
उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत