Skip to main content

Factories Act Part-2 MCQs

Test Instructions –  Factories Act  All questions in this test are curated from the chapter on the Factories Act, 1948, as covered in our book  Labour Laws and Industrial Relations . 📚 If you’ve studied this chapter thoroughly, this quiz offers a chance to assess your understanding and retention. The test includes multiple-choice questions that focus on definitions, governance, benefits, and procedural aspects under the Act. ✅ Each correct answer awards you one mark. At the end of the test, your score will reflect your grasp of the subject and guide any revisions you might need. 🕰️ Take your time. Think through each question. Ready to begin? Let the assessment begin! Book- English Version - " Labour Laws & Industrial Relation " हिंदी संस्करण- " श्रम विधान एवं समाज कल्याण ” Factories Act Part-2 MCQs Factories Act, 1948 - Part-2 - MCQ Quiz Submit

ई-श्रम पोर्टल (E-shram Card)

जैसा की हम जानते है, देश में कुल कार्यबल का 90% से अधिक असंगठित क्षेत्र के कामगार है। इन असंगठित कामगारों को सुरक्षित करने के लिए असंगठित कामगार सामाजिक सुरक्षा अधिनियम, 2008 केंद्र सरकार द्वारा लाया गया। इस अधिनियम के तहत असंगठित कामगार को परिभाषित करते हुए कहा गया है कि असंगठित कामगार का अर्थ है, अपने स्वयं के घर में कार्य करने वाला, स्व-नियोजित व्यक्ति या असंगठित क्षेत्र में मजदूरी करने वाला दैनिक कामगार और इसमें संगठित क्षेत्र का वह श्रमिक भी शामिल है, जो इस अधिनियम के अनुसूची II में वर्णित किसी भी अधिनियम द्वारा आच्छादित नहीं किया गया है। (अनुसूची-II में शामिल अधिनियम है- कर्मकार क्षतिपूर्ति अधिनियम, 1939, औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1948, कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948, कर्मचारी भविष्य निधि तथा प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम, 1952, मातृत्व हितलाभ अधिनियम, 1961 तथा उपादान भुगतान अधिनियम, 1972)। अधिनियम के तहत 14 वर्ष पूरा करने वाले श्रमिकों के स्वघोषणा के आधार पर निबधित करना है तथा उन्हें निबंधन कार्ड देना है। सरकार चाहे तो अंशदान आधारित योजनाओं का संचालन कर सकती है। असंगठित कामगार सामाजिक सुरक्षा अधिनियम, 2008 के प्रावधानों को समाहित करते हुए सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 लाया गया है।इसमें भी असंगठित कामगारों का निबंधन करते हुए डेटाबेस तैयार करने की बात कही गयी है। इन्हीं तथ्यों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने ई-श्रम पोर्टल (E-shram Portal) बनाया है। आज के इस टॉपिक में हम ई-श्रम पोर्टल की विशेषताओं पर चर्चा करेंगे।


ई-श्रम (E-Shram)


कोरोना महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन के बाद प्रवासी श्रमिकों के लिए उत्पन्न हुई देशव्यापी समस्या के कारण श्रमिकों का डेटाबेस की आवश्यकता देश को महसूस हुई। जिसे देखते हुए श्रम और रोजगार मंत्रालय ने असंगठित कामगारों का एक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने के लिए ई-श्रम पोर्टल विकसित किया है, जिसे आधार के साथ जोड़ा गया है। इसमें नाम, व्यवसाय, पता, शैक्षिक योग्यता, कौशल स्वरूप और परिवार इत्यादि का विवरण लेकर असंगठित कामगारों को निःशुल्क निबंधित किया जाता है, ताकि उनकी रोजगार क्षमता का इष्टतम उपयोग हो सके और उन तक सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लाभों का विस्तार किया जा सके। यह प्रवासी कामगारों,सन्निर्माण कामगारों, गिग और प्लेटफॉर्म कामगारों आदि सहित असंगठित कामगारों का राष्ट्रीय डेटाबेस (NDUW) है, जो देश में पहली बार तैयार किया जा रहा है।

👉 इस पोर्टल पर कोई भी असंगठित कामगार जो 16-59 वर्ष की आयु का हो तथा EPFO/ESIC या NPS (सरकार द्वारा वित्त पोषित) का सदस्य न हो, निबंधित हो सकता है। कोई भी कामगार जो असंगठित क्षेत्र में एक गृह आधारित-कामगार, स्व-नियोजित कामगार या मजदूरी पाने वाला कामगार है, जिसमें संगठित क्षेत्र का ऐसा कामगार भी शामिल है जो ईएसआईसी या ईपीएफओ का सदस्य नहीं है या जो सरकारी कर्मचारी नहीं है,असंगठित कामगार कहलाता है। असंगठित कामगार के रूप में ईश्रम पर पंजीकरण के लिए कोई आय मानदंड नहीं हैं। तथापि, वह आयकर दाता नहीं होना चाहिए।

👉 पोर्टल पर पंजीकरण करने के लिए की आधार संख्या, आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर तथा IFSCकोड के साथ बचत बैंक खाता संख्या की आवश्यकता होती है। यदि किसी भी श्रमिक के पास उसका आधार लिंक मोबाइल नंबर नहीं है, तो वह अपने नज़दीकी कॉमन सर्विस सेंटर के बाओमेट्रिक सत्यापन के द्वारा पंजीकरण करवा सकता है।

👉 पोर्टल पर पंजीकरण के बाद श्रमिकों को UAN (Universal Account Number) प्रदान किया जाता है। UAN एक सार्विक खाता संख्या है। यह 12 अंकों की संख्या है जिसे ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण के बाद प्रत्येक असंगठित कामगार को विशिष्ट रूप से प्रदान किया जाएगा। यूएएन नंबर एक स्थायी नंबर होगा अर्थात् एक बार प्रदान किए जाने के बाद, यह कामगार के लिए अपरिवर्तित रहेगा और जीवन भर मान्य रहेगा।

👉 पंजीकरण के बाद फिलहाल उन्हें एक वर्ष का प्रिमियम सरकार द्वारा देकर प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत 2 लाख का दुर्घटना बीमा कवर मिलेगा। भविष्य में, असंगठित कामगारों के सभी सामाजिक सुरक्षा लाभ इस पोर्टल के माध्यम से प्रदान किए जाएंगे। आपातकालीन और राष्ट्रीय महामारी जैसी स्थितियों में, पात्र असंगठित कामगारों को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए इस डेटाबेस का उपयोग किया जाएगा।

👉 ई-श्रम पोर्टल पर निबंधन के कई उद्येश्य है, जैसे- i) सभी असंगठित कामगारों का एक केंद्रीकृत डेटाबेस बनाना, जिसमें सन्निर्माण कामगार, प्रवासी कामगार, गिग और प्लेटफॉर्म कामगार, फेरी वाले, घरेलू कामगार, कृषि कामगार आदि शामिल हैं, जिन्हें आधार से जोड़ा जाना है; ii) असंगठित श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का एकीकरण जो श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा प्रशासित किया जा रहा है और तदनंतर अन्य मंत्रालयों द्वारा भी चलाए जा रहे हैं; iii) पंजीकृत असंगठित कामगारों के संबंध में विभिन्न हितधारकों जैसे मंत्रालयों/विभागों/बोर्डों/एजेंसियों/केंद्र और राज्य सरकारों के संगठनों के द्वारा प्रशासित की जा रही विभिन्न सामाजिक सुरक्षा और कल्याणकारी योजनाओं के वितरण के लिए जानकारी साझा करना; iv) प्रवासी कामगारों की स्थिति और पता/वर्तमान स्थान और औपचारिक क्षेत्र से अनौपचारिक क्षेत्र और इसके विलोमत: उनकी आवाजाही का पता लगाना; v) प्रवासी और सन्निर्माण कामगारों के लिए सामाजिक सुरक्षा और कल्याणकारी लाभों की सुवाह्यता (पोर्टेबिलिटी); vi) भविष्य में कोविड-19 जैसे किसी भी अन्य राष्ट्रीय संकट से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को एक व्यापक डेटाबेस उपलब्ध कराना; vii) सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा तक अभी व्यक्तियों की पहुँच को सुनिश्चित करना, आदि।

👉 इस पोर्टल पर पंजीकरण 24 अगस्त 2021 से प्रारंभ किया गया। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 31 दिसम्बर 2021 तक सभी असंगठित कामगारों को 2011 की जनगणना के आधार पर तय लक्ष्य जनसँख्या का 33% (लगभग 40 करोड़) को पंजीकृत कर लेने का निदेश दिया था। हालाँकि बाद में इस लक्ष्य को 31 मार्च 2022 तक पूरा करने को कहा गया। 31 मार्च 2023 तक देश में कुल 28,82,91,495 पंजीकरण हो गया है जिसमें सबसे अधिक पंजीकरण उत्तर प्रदेश में (8.30 करोड़) हुआ है। सबसे अधिक पंजीकरण कृषि श्रमिक (15.13 करोड़) के रूप में हुआ है, उसके बाद घरेलु श्रमिक (2.80 करोड़) और निर्माण श्रमिक (2.60 करोड़) का स्थान क्रमशः आता है। संख्यात्मक दृष्टिकोण से बिहार पंजीकरण के मामले में देश में दुसरे स्थान पर है। 31 मार्च 2023 तक राज्य में कुल 2.85 करोड़ श्रमिक अपना पंजीकरण करवा चुकें है।  (स्रोत- https://eshram.gov.in)

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न-


1. ई-श्रम कार्ड कैसे बनाते है?
उत्तर- ई श्रम कार्ड आप स्वयं या किसी CSC के माध्यम से बनवा सकते है। पोर्टल पर पंजीकरण करने के लिए की आधार संख्या, आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर तथा IFSCकोड के साथ बचत बैंक खाता संख्या की आवश्यकता होती है। यदि किसी भी श्रमिक के पास उसका आधार लिंक मोबाइल नंबर नहीं है, तो वह अपने नज़दीकी कॉमन सर्विस सेंटर के बाओमेट्रिक सत्यापन के द्वारा पंजीकरण करवा सकता है।

2. ई-श्रम कार्ड मोबाइल से कैसे प्राप्त करें?
उत्तर- सबसे पहले https://eshram.gov.in पर जाना है। उसके बाद Register on E-Shram पर क्लिक करना है। आधार लिंक्ड मोबाइल नंबर से सत्यापन के पश्चात पूछे गए कॉलम में सभी जानकारी सही-सही भरकर सबमिट करना है। अंत मे अपना ई-श्रम कार्ड डाऊनलोड कर लेना है।

3. ई-श्रम कार्ड से क्या लाभ है?
उत्तर-पंजीकरण के बाद फिलहाल उन्हें एक वर्ष का प्रिमियम सरकार द्वारा देकर प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत 2 लाख का दुर्घटना बीमा कवर मिलेगा। भविष्य में, असंगठित कामगारों के सभी सामाजिक सुरक्षा लाभ इस पोर्टल के माध्यम से प्रदान किए जाएंगे। आपातकालीन और राष्ट्रीय महामारी जैसी स्थितियों में, पात्र असंगठित कामगारों को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए इस डेटाबेस का उपयोग किया जाएगा।

4. ई-श्रम कार्ड कौन बना सकता है?
उत्तर- इस पोर्टल पर कोई भी असंगठित कामगार जो 16-59 वर्ष की आयु का हो तथा EPFO/ESIC या NPS (सरकार द्वारा वित्त पोषित) का सदस्य न हो, निबंधित होकर ई-श्रम कार्ड बना सकता है। कोई भी कामगार जो असंगठित क्षेत्र में एक गृह आधारित-कामगार, स्व-नियोजित कामगार या मजदूरी पाने वाला कामगार है, जिसमें संगठित क्षेत्र का ऐसा कामगार भी शामिल है जो ईएसआईसी या ईपीएफओ का सदस्य नहीं है या जो सरकारी कर्मचारी नहीं है,असंगठित कामगार कहलाता है। असंगठित कामगार के रूप में ईश्रम पर पंजीकरण के लिए कोई आय मानदंड नहीं हैं। तथापि, वह आयकर दाता नहीं होना चाहिए।

5. बिहार में अबतक कितना ई-श्रम कार्ड बना है?
उत्तर- संख्यात्मक दृष्टिकोण से बिहार पंजीकरण के मामले में देश में दुसरे स्थान पर है। 31 मार्च 2023 तक राज्य में कुल 2.85 करोड़ श्रमिक अपना पंजीकरण करवा चुकें है। 




Comments