The Management of WORTH Trust v. WORTH Trust Workers Union
वर्थ ट्रस्ट का प्रबंधन बनाम वर्थ ट्रस्ट वर्कर्स यूनियन
(सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय - 2025)
1. तथ्यात्मक पृष्ठभूमि (Factual Matrix)
“वर्थ ट्रस्ट” (WORTH Trust) की स्थापना 1969 में स्वीडिश रेड क्रॉस पुनर्वास ट्रस्ट (Swedish Red Cross Rehabilitation Trust) के रूप में हुई थी। यह एक पूर्णतः परोपकारी कार्य (purely charitable work) करने वाला संगठन था, जो कोढ़ से मुक्त एवं निःशक्त व्यक्तियों (leprosy-cured and differently abled persons) के पुनर्वास हेतु कार्य करता था।
1985 से, इस ट्रस्ट ने कारखाना अधिनियम (Factories Act) के अंतर्गत ऑटो पार्ट्स का व्यावसायिक निर्माण (commercial manufacturing of auto parts) प्रारंभ किया, जिससे इसे "अतिरिक्त लाभ" (surplus profits) प्राप्त होने लगे।
इसके कारखानों के प्रमुख कर्मचारी (major workforce) पुनर्वासित विकलांग (rehabilitated disabled) व्यक्ति थे, जिन्होंने "वर्थ ट्रस्ट वर्कर्स यूनियन" (WORTH Trust Workers Union) बनाई और वर्ष 1996–97 के लिए वैधानिक बोनस/अनुग्रह राशि (statutory bonus/ex gratia) की माँग की।
2. वाद का इतिहास (Case History)
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ट्रिब्यूनल (चेन्नई): इसने निर्णय दिया कि बोनस अधिनियम (Bonus Act) ट्रस्ट के उपर लागू होता है; और ट्रस्ट को न्यूनतम 8.33% बोनस के साथ-साथ पहले से दी जा रही अनुग्रह राशि (ex gratia) भी देनी होगी।
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मद्रास उच्च न्यायालय की एकल पीठ (Single Judge): ट्रिब्यूनल के निर्णय को सही ठहराया, परंतु अनुग्रह राशि को बोनस में समायोजित (set-off) करने की अनुमति दी।
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मद्रास उच्च न्यायालय की द्वैतीय पीठ (Division Bench): वर्थ ट्रस्ट की अपील खारिज की; अधिनियम की प्रयोज्यता (applicability) की पुष्टि की और “समान प्रकृति की संस्था” (institution-of-like-nature) से संबंधित छूट को अस्वीकार किया।
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विशेष अनुमति याचिका (Special Leave Petition) – सर्वोच्च न्यायालय: खारिज कर दी गई।
3. विधिक प्रश्न (Legal Issues)
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क्या बोनस भुगतान अधिनियम, 1965 (Payment of Bonus Act, 1965) किसी धार्मिक या परोपकारी ट्रस्ट (charitable trust) पर लागू होता है, जो कारखाना चला रहा हो?
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क्या वर्थ ट्रस्ट धारा 32(5)(क) [Sec 32(v)(a)] के अंतर्गत “भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी या समान प्रकृति की संस्था” (Indian Red Cross Society or institution of a like nature) या धारा 32(5)(ग) [Sec 32(v)(c)] के अंतर्गत “गैर-लाभकारी संस्था” (non-profit institution) के रूप में छूट का दावा कर सकता है?
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क्या पूर्व में दी गई अनुग्रह राशि (ex gratia charity payment) से वैधानिक बोनस (statutory bonus) की जिम्मेदारी समाप्त हो जाती है?
4. न्यायालय का तर्क (Court’s Reasoning)
🔹 बोनस अधिनियम सभी कारखानों पर लागू: धारा 1(3)(क) [Sec 1(3)(a)] के अनुसार यह अधिनियम प्रत्येक "कारखाने" पर लागू होता है। अतः वर्थ ट्रस्ट के कारखानों में कार्यरत कर्मचारी "कर्मचारी" (workmen) माने जाते हैं और उन्हें बोनस पाने का अधिकार है।
🔹 धारा 32(5)(क)/(ग) के अंतर्गत छूट अस्वीकार्य:
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ट्रस्ट ने 1989 में स्वीडिश रेड क्रॉस से सभी औपचारिक संबंध समाप्त कर दिए थे; यह अब भारतीय रेड क्रॉस या वैसी किसी विधिक संस्था (statutory body of like nature) द्वारा नहीं चलाया जा रहा।
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केवल परोपकारी उद्देश्य (charitable objectives) होने से श्रम कानूनों (labour laws) से छूट नहीं मिलती।
🔹 अनुग्रह राशि को वैधानिक बोनस नहीं माना जा सकता है:
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वैधानिक रूप से निर्धारित न्यूनतम या अधिकतम बोनस (minimum/maximum bonus) के स्थान पर अनुग्रह राशि (ex gratia) देना पर्याप्त नहीं है।
5. निर्णय एवं निर्देश (Conclusion & Directions)
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माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपील खारिज कर दिया।
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वर्थ ट्रस्ट को निर्देश दिया गया है कि वह वर्ष 1996–97 से वर्तमान तक प्रत्येक वर्ष के लिए वैधानिक बोनस (8.33% न्यूनतम से 20% अधिकतम, उपलब्ध अधिशेष (allocable surplus) के आधार पर) अपने कारखानों के कर्मचारियों को एक माह के भीतर भुगतान करे।
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