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संराधन पदाधिकारियों के लिए औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 से जुड़े तथ्य

  संराधन पदाधिकारियों के लिए औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 से जुड़े तथ्य   1.     औद्योगिक विवाद क्या है ? औद्योगिक विवाद अधिनियम , 1947 के अनुसार “ industrial dispute” means any dispute or difference between employers and employers, or between employers and workmen, or between workmen and workmen, which is connected with the employment or non-employment or the terms of employment or with the conditions of labour, of any person; अर्थात " औद्योगिक विवाद" का मतलब किसी उद्योग या कार्यस्थल में उत्पन्न होने वाले मतभेद या संघर्ष से है। यह विवाद निम्नलिखित पक्षों के बीच हो सकता है: 1.        नियोक्ता और नियोक्ता के बीच – जब दो या अधिक कंपनियां या प्रबंधन इकाइयाँ किसी औद्योगिक या व्यावसायिक मुद्दे पर असहमति रखती हैं। जैसे एक प्रबंधन इकाई कामगारों को बोनस देना चाहती है लेकिन दूसरी प्रबंधन इकाई इस विषय पर असहमत है। 2.        नियोक्ता और श्रमिक के बीच – जब कोई कर्मचारी या कर्मचारी समूह नौकरी से संबंधित...

निबंध-2; भोज घडी कोहड़ा

“ भोज घड़ी कोहड़ा ” बिहार का एक प्रसिद्ध लोकोक्ति है। मैथिलि भाषा में भी यह लोकोक्ति “भोज काल में कुम्हड़ रोपब” के रूप में प्रचलित है। जैसा की हम सभी जानते है कि यह लोकोक्ति तो काफी सरल है, लेकिन इसका अर्थ बहुत गूढ़ है। सामान्य अर्थों में यदि किसी कार्य को काफी बिलम्ब से प्रारंभ किया जाए तथा कार्य निष्पादन संभव नहीं हो तो इस लोकोक्ति का प्रयोग आज भी समाज में किया जाता है। यह लोकोक्ति एक नकारात्मक टिप्पणी के रूप में है जो कर्ता को यह एहसास दिलाता है कि उसने सही समय पर अपने कार्य को प्रारंभ नहीं किया है तथा कार्य बिलम्ब से शुरू किया गया है, जिससे कार्य में सफलता असंभव है। यदि इसके अर्थों की गहराई में झाँका जाए तो सही समय पर कार्य प्रारंभ करना या सरल अर्थों में समय के महत्व को रेखांकित करना इस मुहावरे का उद्येश्य है। समय एक अनमोल रत्न है। इसकी एक बड़ी विशेषता यह है कि आप चाहे कितने भी धनी क्यों न हो अपनी सम्पूर्ण संपत्ति देकर भी एक क्षण का बीता हुआ समय वापस नहीं ला सकते है। एक सफल जीवन जीने के लिए प्रत्येक मनुष्य द्वारा धरती पर समय के मूल्य को महसूस करना अति आवश्यक है। यदि आप समय का सही तरीके ...

निबंध-1; निबंध का परिचय

निबंध लेखन का एक प्रकार है जो आमतौर पर एक लेखक के विचारों को अभिव्यक्त करता है। निबंध में कई भाग होते हैं, जिनमें साहित्यिक विश्लेषण, राजनीतिक वक्तव्य, तार्किकता, दैनिक जीवन की टिप्पणियां, मुहावरें और लेखक के विचार शामिल हो सकते हैं। निबंध लेखन का उद्देश्य उम्मीदवार की भाषा प्रवीणता के साथ-साथ उसकी रचनात्मकता और बौद्धिक कौशल का परीक्षण करना है। यह उम्मीदवार की अपने विचारों को सर्वोत्तम संभव तरीके से प्रस्तुत करने की क्षमता का परीक्षण करता है। एक अच्छा निबंध स्पष्ट, संक्षिप्त और सुव्यवस्थित होना चाहिए। इसे पाठकों के मन में प्रभाव पैदा करना चाहिए। एक निबंध की लंबाई आवश्यकता के अनुसार बदलती रहती है। निबंध की  परिभाषा क्या आप जानते हैं कि 'Essay' शब्द लैटिन शब्द 'exagium' (एक्जागियम) से लिया गया है, जिसका मोटे तौर पर किसी के मामले को प्रस्तुत करने के लिए अनुवाद किया जाता है। निबंध लेखन का एक छोटा टुकड़ा है जो किसी के तर्क या किसी के अनुभव, कहानियों आदि का प्रतिनिधित्व करता है। निबंध की  परिभाषा अस्पष्ट है, जो एक लेख और एक लघु कहानी की परिभाषाओं के साथ परस्पर व्याप्त होती ह...

बिहार में कृषि एवं सहवर्ती क्षेत्र

दोस्तों बिहार के संबंध क्या आप निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर बता सकते है? बिहार का क्षेत्रफल कितना लाख हेक्टेयर है? बिहार में श्रमशक्ति सर्वेक्षण के अनुसार लगभग कितने प्रतिशत श्रमिक आज भी कृषि में नियोजित हैं? गत पांच वर्षों के दौरान कृषि एवं सहवर्ती क्षेत्र की वृद्धि दर लगभग कितने प्रतिशत रही? राज्य के कुल क्षेत्रफल का कितना प्रतिशत जमीन कृषि के अंतर्गत निवल बुआई क्षेत्र में शामिल है? अंतिम कृषि जनगणना के अनुसार बिहार में कितने% सीमांत किसान है? यदि आप इन तथ्यों से अवगत नहीं हैं तो आइये पढ़ते है इस आर्टिकल को............. संयुक्त राष्ट्र संघ के संधारणीय विकास लक्ष्य (एसडीजी), 2030 का एक महत्वपूर्ण घटक गरीबी और भूख का निवारण है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए बिहार में कृषि क्षेत्र को मुख्य भूमिका निभानी है। कृषि का विकास बिहार की अर्थव्यवस्था के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। बिहार देश के पूर्वी क्षेत्र का राज्य है। इसका क्षेत्रफल 93.60 लाख हेक्टेयर है जो देश के कुल भूक्षेत्र का लगभग 3 प्रतिशत है। वहीं, देश की कुल आबादी में राज्य का 8.6 प्रतिशत हिस्सा है। जहां राष्ट्रीय जनसंख्या घनत्व...

बिहार की राजकीय वित्तव्यवस्था

दोस्तों बिहार के संबंध क्या आप निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर बता सकते है? वर्ष 2021-22 में बिहार राज्य का कुल व्यय कितना लाख करोड़ रुपया था? वर्ष 2021-22 में बिहार सरकार के कुल व्यय में राजस्व व्यय तथा पूंजीगत व्यय का हिस्सा कितना प्रतिशत रहा? राज्य सरकार ने 2021-22 में अपने स्रोतों से कितना करोड़ रुपया राजस्व संग्रहित किया? 2021-22 में गत वर्ष की अपेक्षा बिहार सरकार के राजस्व लेखे में प्राप्ति कितना प्रतिशत से बढ़ी है? यदि आप इन तथ्यों से अवगत नहीं हैं तो आइये पढ़ते है इस आर्टिकल को............. इस टॉपिक को समझने से पहले आइये जानते है कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों को- बजट- बजट फ्रेंच शब्द बूजट (bougette) से लिया गया है जिसका अर्थ है चमड़े का थैला। बजट में सरकार आगामी वित्तीय वर्ष के आय-व्यय की स्थिति, आर्थिक-सामाजिक कार्यक्रम एवं उनपर होनेवाला व्यय, प्रस्तावित कर ढांचा, आय बढ़ाने और व्यय घटाने के प्रस्ताव, आदि को शामिल करती है। बजट वह अस्त्र है जिससे विधायिका कार्यपालिका के कार्यों पर अपना नियंत्रण रखती है। भारतीय संविधान में बजट शब्द का उल्लेख नहीं है। धन विधेयक यानि मनी बिल - संविधान के अनुच्छ...