“भोज घड़ी कोहड़ा” बिहार का एक प्रसिद्ध लोकोक्ति है। मैथिलि भाषा में भी यह लोकोक्ति “भोज काल में कुम्हड़ रोपब” के रूप में प्रचलित है। जैसा की हम सभी जानते है कि यह लोकोक्ति तो काफी सरल है, लेकिन इसका अर्थ बहुत गूढ़ है। सामान्य अर्थों में यदि किसी कार्य को काफी बिलम्ब से प्रारंभ किया जाए तथा कार्य निष्पादन संभव नहीं हो तो इस लोकोक्ति का प्रयोग आज भी समाज में किया जाता है। यह लोकोक्ति एक नकारात्मक टिप्पणी के रूप में है जो कर्ता को यह एहसास दिलाता है कि उसने सही समय पर अपने कार्य को प्रारंभ नहीं किया है तथा कार्य बिलम्ब से शुरू किया गया है, जिससे कार्य में सफलता असंभव है। यदि इसके अर्थों की गहराई में झाँका जाए तो सही समय पर कार्य प्रारंभ करना या सरल अर्थों में समय के महत्व को रेखांकित करना इस मुहावरे का उद्येश्य है।
समय एक अनमोल रत्न है। इसकी एक बड़ी विशेषता यह है कि आप चाहे कितने भी धनी क्यों न हो अपनी सम्पूर्ण संपत्ति देकर भी एक क्षण का बीता हुआ समय वापस नहीं ला सकते है। एक सफल जीवन जीने के लिए प्रत्येक मनुष्य द्वारा धरती पर समय के मूल्य को महसूस करना अति आवश्यक है। यदि आप समय का सही तरीके से उपयोग करते है तो आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के साथ-साथ समाज एवं देश की उन्नति करने में अपना एक विशेष सहयोग प्रदान करते है। समय का सर्वोत्तम उपयोग करके आप अपने जीवन में अपने लक्ष्य के शिखर तक पहुंच सकते है। समय का सर्वोतम उपयोग तभी संभव है जब हम समय का सही प्रबंधन करते है। समय का प्रबंधन सफलता की ओर पहला कदम है। समय के प्रबंधन का अर्थ अपने जीवन के हर पल को सुव्यवस्थित करना, उपयुक्त समय में उचित कार्य करना तथा समय की बर्वादी नहीं करना। उचित समय प्रबंधन से तात्पर्य आपके काम की अग्रिम तैयारी से है ताकि आप भविष्य में और अधिक लाभ कमाने में सक्षम हो सकें। समय प्रबंधन सभी जीवित प्राणियों के लिए आवश्यक है चाहे वे युवा हों, बड़े हों या वरिष्ठ नागरिक हों। यदि आप सही समय में अपना कार्य प्रारंभ नहीं करेंगे तो आपका कार्य अधुरा रह जाएगा और असफलता आपके जीवन का हिस्सा बन जाएगी। यदि कोई छात्र परीक्षा के एक दिन पूर्व अपने विषय की तयारी करना प्रारंभ करे तो उसके सफलता की क्या आशा की जा सकती है।यदि कोई किसान सही समय पर अपने बीज न बोये, सही समय पर सिंचाई न करे, सही समय पर उर्वरक न डाले तो उसके द्वारा अपने खेत में उत्पादन की आशा करना हास्यास्पद है। किसी भी व्यक्ति को सफलता रातों-रात नहीं मिलती है, बल्कि उसके पीछे सफल व्यक्ति के बेहतर समय प्रबंधन की कला होती है।
कहा जाता है कि समय उन्हें महत्व देता है जो समय को महत्व देते हैं। अच्छे काम के लिए समय का सदुपयोग करना आपको अच्छे परिणाम देगा और अगर आप इसे बुरे काम में इस्तेमाल करेंगे तो यह आपको निश्चित रूप से बुरा परिणाम देगा। बहुत से लोग समय को महत्व नहीं देते हैं, सही समय पर अपने कार्य को प्रारंभ नहीं करते है, वे सोचते है अभी बहुत समय है आज नहीं तो कल कर लेंगे। ऐसे में उनका समय बीतता जाता है और जब काफी समय गुजर जाता है तो अंतिम समय में हडबडाहट से अपना कार्य प्रारंभ करते है, जिससे कार्य में कई प्रकार की त्रुटियाँ तो होती ही है साथ ही कार्य अपूर्ण भी रह जाता है। इसलिये तो संत कबीरदास जी कहते है-
काल करे सो आज कर, आज करे सो अब ।
पल में परलय होएगी, बहुरि करेगा कब ॥
अर्थात, कभी भी कल पर कोई काम मत छोड़ो, जो कल करना है उसे आज कर लो और जो आज करना है उसे अभी कर लो।
मनुष्य के जीवन में समय सबसे बड़ा बलवान है। यदि आप समय का सही उपयोग करते है तो आप अपने जीवन की हर राह में सफल हो सकते है। लेकिन यदि आप अपने समय का सही तरीके से सदुपयोग नहीं करते है तो इससे आपकी जीवन की गति एक अलग ही दिशा में जा सकती है। यदि आप अपने जीवन में समय के महत्व को समझते है एवं उसका सही तरीके से सदुपयोग करते है तो आप अपने जीवन में प्रगति के मार्ग पुरोगामी हो सकते है। समय का ना कोई आदि है और ना ही अंत यह सभी मानव जीवन के लिए एक अद्भुत भूमिका अदा करता है। प्रत्येक मनुष्य के जीवन में समय सबसे मूल्यवान है। यह वह चीज है जिसको न नष्ट किया जा सकता है और ना ही बनाया जा सकता है। यदि समय से किसी कार्य को नहीं किया जाए तो समय बीतने पर केवल पश्चाताप ही हाथ में रह जायेगा। ऐसे लोगों के बारे में ही तो कहा गया है, “समय चूकि पुनि का पछताने, का वर्षा जब कृषि सुखाने” अर्थात समय व्यतीत हो जाने पर आप केवल पछतावा कर सकते है अपना कार्य नहीं। इसलिये सही समय पर कार्य को प्रारंभ कर देना एक बुद्धिमान मनुष्य की निशानी है।
धरती पर मानव जीवन के पास एक सीमित समय होता है ,यदि हम इस सीमित समय के भीतर अपने लक्ष्यों को पूरा करने में असमर्थ रहते है तो हम अपने जीवन में सफल नहीं होते है। इसलिए जीवन की चतुरता इसी में है की हम अपने समय का सदुपयोग करें। और अपने लक्ष्यों एवं सपनो को पूरा करने में सफल हो पाए। समय दुरुपयोग करने के हमारे पास कई विकल्प होते है इसमें में से सबसे आम है की किसी कार्य को करने के लिए देरी करना। यदि आप किसी भी कार्य को विलंबता से करते है तो बाद में आप उस कार्य को सही तरीके से नहीं कर सकते है। समय से कार्य शुरू करने पर कार्य बेहद कुशलता पूर्वक किया जा सकता है। अपने जीवन के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए एवं अपने काम को सही समय पर करने के लिए कुशल तरीके से अपने समय का उपयोग करना चाहिए। समय का सही प्रयोग से ही अपने जीवन के मार्ग में सफल हो सकते है। अक्सर मनुष्य आलस्य के कारण अपने कार्य को टालता रहता है और फिर उसके हाथ से समय रूपी खज़ाना व्यर्थ बर्बाद हो जाता है।
कई लोग समय की कीमत को कम आंकते है। वह यह सोचते है की उनके पास समय है तो वह उसे कभी भी बर्बाद कर सकते है ,लेकिन यदि आप अपने कीमती समय को बर्बाद करते है तो उसे कभी भी हासिल नहीं किया जा सकता है। एक बार जो समय बीत गया उसे कभी वापस नहीं लाया जा सकता है। अंग्रेजी में एक कहावत है, “Time and tide wait for none” अर्थात समय और ज्वार किसी का इंतजार नहीं करता है। समय का सदुपयोग करना हमे सबसे पहले प्रकृति से सीखना चाहिए। प्रकृति के नियम के अनुसार हर कार्य समय से किया जाता है, जैसे दिन होना, रात होना, मौसम में बदलाव, इत्यादि। यदि समय से सूर्य का उदय न हो, समय से ऋतुओं का परिवर्तन न हो, तो प्रकृति अस्त-व्यस्त हो जायेगी। ठीक उसी प्रकार समय से कार्य का संपादन नहीं करने से मनुष्य का जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है और अंत में केवल दुर्भाग्य साथ रह जाता है। समय एक कीमती वस्तु है जिसका कोई मोल नहीं किया जा सकता है। हमे अपने जीवन में समय से हर कार्य को करना चाहिए और अपने जीवन को आनंदितमय तरीके से व्यतीत करना चाहिए। जीवन में समय से काम करना ही सबसे बड़ी उपलब्धि है। शास्त्रों में कहा गया है- “षड् दोषा: पुरुषेणेह हातव्या भूतिमिच्छिता। निद्रा तन्द्रा भयं क्रोध आलस्यं दीर्घसूत्रता।।” अर्थात ऐश्वर्य या उन्नति चाहने वाले पुरुषों को नींद, तन्द्रा, डर, क्रोध ,आलस्य तथा दीर्घसूत्रता (जल्दी हो जाने वाले कामों में अधिक समय लगाने की आदत ) इन छ: दुर्गुणों को त्याग देना चाहिए।
निष्कर्षतः हम कह सकते है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में समय के सम्मान करने की आवश्यकता है। यदि आप आज समय के महत्व को नहीं समझ पाएंगे तो कल आपको इसके लिए अपने जीवन में पछताना पड़ सकता है। अगर आप आज ही समय की कीमत को पहचान जायेंगे तो यह आपके लिए और समाज दोनों के लिए फायदेमंद होगा। यदि आप जीवन में सफलता के सर्वोच्च शिखर पर पहुँचना चाहते है तो “भोज घड़ी कोहड़ा” वाली प्रवृत्ति से बहार निकल कर समय से अपने कार्यों का संपादन करना प्रारंभ करें।
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