Skip to main content

Posts

Showing posts with the label Bihar Special

सरकारी विभागों के मजदूरों के लिए श्रम कानून (Labour Law for Outsourcing Workers)

 

बिहार में कृषि एवं सहवर्ती क्षेत्र

दोस्तों बिहार के संबंध क्या आप निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर बता सकते है? बिहार का क्षेत्रफल कितना लाख हेक्टेयर है? बिहार में श्रमशक्ति सर्वेक्षण के अनुसार लगभग कितने प्रतिशत श्रमिक आज भी कृषि में नियोजित हैं? गत पांच वर्षों के दौरान कृषि एवं सहवर्ती क्षेत्र की वृद्धि दर लगभग कितने प्रतिशत रही? राज्य के कुल क्षेत्रफल का कितना प्रतिशत जमीन कृषि के अंतर्गत निवल बुआई क्षेत्र में शामिल है? अंतिम कृषि जनगणना के अनुसार बिहार में कितने% सीमांत किसान है? यदि आप इन तथ्यों से अवगत नहीं हैं तो आइये पढ़ते है इस आर्टिकल को............. संयुक्त राष्ट्र संघ के संधारणीय विकास लक्ष्य (एसडीजी), 2030 का एक महत्वपूर्ण घटक गरीबी और भूख का निवारण है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए बिहार में कृषि क्षेत्र को मुख्य भूमिका निभानी है। कृषि का विकास बिहार की अर्थव्यवस्था के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। बिहार देश के पूर्वी क्षेत्र का राज्य है। इसका क्षेत्रफल 93.60 लाख हेक्टेयर है जो देश के कुल भूक्षेत्र का लगभग 3 प्रतिशत है। वहीं, देश की कुल आबादी में राज्य का 8.6 प्रतिशत हिस्सा है। जहां राष्ट्रीय जनसंख्या घनत्व...

बिहार की राजकीय वित्तव्यवस्था

दोस्तों बिहार के संबंध क्या आप निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर बता सकते है? वर्ष 2021-22 में बिहार राज्य का कुल व्यय कितना लाख करोड़ रुपया था? वर्ष 2021-22 में बिहार सरकार के कुल व्यय में राजस्व व्यय तथा पूंजीगत व्यय का हिस्सा कितना प्रतिशत रहा? राज्य सरकार ने 2021-22 में अपने स्रोतों से कितना करोड़ रुपया राजस्व संग्रहित किया? 2021-22 में गत वर्ष की अपेक्षा बिहार सरकार के राजस्व लेखे में प्राप्ति कितना प्रतिशत से बढ़ी है? यदि आप इन तथ्यों से अवगत नहीं हैं तो आइये पढ़ते है इस आर्टिकल को............. इस टॉपिक को समझने से पहले आइये जानते है कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों को- बजट- बजट फ्रेंच शब्द बूजट (bougette) से लिया गया है जिसका अर्थ है चमड़े का थैला। बजट में सरकार आगामी वित्तीय वर्ष के आय-व्यय की स्थिति, आर्थिक-सामाजिक कार्यक्रम एवं उनपर होनेवाला व्यय, प्रस्तावित कर ढांचा, आय बढ़ाने और व्यय घटाने के प्रस्ताव, आदि को शामिल करती है। बजट वह अस्त्र है जिससे विधायिका कार्यपालिका के कार्यों पर अपना नियंत्रण रखती है। भारतीय संविधान में बजट शब्द का उल्लेख नहीं है। धन विधेयक यानि मनी बिल - संविधान के अनुच्छ...

बिहार की अर्थव्यवस्था का अवलोकन

दोस्तों बिहार के संबंध क्या आप निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर बता सकते है? बिहार की अर्थव्यवस्था में  स्थिर मूल्य पर सकल राज्य घरेलू उत्पाद में 2021-22 में कितने प्रतिशत की वृद्धि हुई है? स्थिर मूल्य पर सकल राज्य घरेलू उत्पाद में बिहार की अर्थव्यवस्था 2020- 21 में कितने प्रतिशत रही? बिहार में प्राथमिक क्षेत्र के अंदर सकल राज्य घरेलू उत्पाद में सर्वाधिक योगदान करने वाले उप-क्षेत्र कौन से है? 2021-22 में बिहार का प्रति व्यक्ति सकल राज्य घरेलू उत्पाद वर्तमान मूल्य पर कितना रुपया रहा? प्रति व्यक्ति आय के अनुसार बिहार का सबसे समृद्ध जिला कौन सा है? यदि आप इन तथ्यों से अवगत नहीं हैं तो आइये पढ़ते है इस आर्टिकल को............. इस टॉपिक को समझने से पहले आइये जानते है कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों को- सकल राज्य घरेलू उत्पाद - सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) एक निश्चित अवधि (आमतौर पर एक वर्ष और बिना दोहराव के) के दौरान राज्य की भौगोलिक सीमाओं के भीतर उत्पादित सभी तैयार वस्तुओं और सेवाओं की कुल मात्रा का मौद्रिक उपाय है। राज्य के आर्थिक विकास को मापने के लिये सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) या राज्य की आय ...

मुख्य परीक्षा के लिए लेखन कौशल का विकास

“एक अच्छे लेखक का जन्म नहीं विकास होता है।” “शुद्ध, सुनिश्चित एवं स्पष्ट शब्दावली के माध्यम से भावों एवं विचारों के क्रमायोजित लिपिबद्ध प्रकाशन को लिखित रचना कहते हैं। लेखन कौशल में सुधार एक दिन में नहीं होगा। इसके लिए निरंतर प्रयास करने की आवश्यकता है। लेकिन एक बार जब आप इसे अपना लेते हैं, तो यह आपका है। आत्म-विकास की प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है। हम प्रतिदिन अपने ज्ञान और अनुभव से कुछ नया सीखते हैं और उसे अपने समग्र व्यक्तित्व में जोड़ते जाते हैं । दृढ इच्छाशक्ति, नियमित अभ्यास और बेहतर मार्गदर्शन से हम अपने लेखन को तराश कर खुद में गुणात्मक सुधार ला सकते हैं। बेहतर लेखन कौशल सिविल सेवा की परीक्षा में सफलता का आधार स्तंभ माना जाता है। परंतु प्रत्येक प्रतिभागी के मन में यह प्रश्न अवश्य उत्पन्न होता है कि इस लेखन कौशल को कैसे उत्कृष्ट बनाया जा सकता है और किस प्रकार इसमें गुणात्मक सुधार लाया जा सकता है। बेहतर लिखने की आकांक्षा में हम कई बार लिखना प्रारंभ ही नहीं कर पाते है। हम सोचते है कि जब सबकुछ मुझे अच्छे से आ जायेगा तो मैं लिखना प्रारंभ करूँगा और हम यहीं से अपने लेखन की कला के विका...